*दुआ है...ए परवरदिगार...*
*दुआ है...ए परवरदिगार...* धर्मों और जाति में बटे हैं हम सूझी है अबतक हमें सिर्फ़ मंदिर मस्जिद की जीत हार.. बने हैं सभी मिट्टी के गाढ़े से हम सबकी हिफ़ाज़त फ़रमा ए परवरदिगार।। पैसों में कुछ डूबे हैं पैसों से कुछ हारे हैं ला सबकी ज़िंदगी में नई बहार.. सबकी मदद फ़रमा ए परवरदिगार।। कोई बजा रहा है मंदिर में …